Swarnim Bharat (स्वर्णिम भारत)
Jump to navigation
Jump to search
- मेरे प्रिय आत्मन
- आज की राजनीति पर कुछ भी कहने के पहले दो बातें समझ लेनी जरूरी हैं। एक तो यह कि आज जो दिखाई पड़ता है, वह आज का ही नहीं होता, हजारों-हजारों वर्ष बीते हुए कल, आज में सम्मिलित होते हैं। जो आज का है उसमें कल भी जुड़ा है, बीते सब कल जुड़े हैं। और आज की स्थिति को समझना हो तो कल की इस पूरी श्रृंखला को समझे बिना नहीं समझा जा सकता। मनुष्य की प्रत्येक आज की घड़ी पूरे अतीत से जुड़ी है—एक बात ! और दूसरी बात राजनीति कोई जीवन का ऐसा अलग हिस्सा नहीं है, जो धर्म से भिन्न हो, साहित्य से भिन्न हो, कला से भिन्न हो। हमने जीवन को खंडों में तोड़ा है सिर्फ सुविधा के लिए। जीवन इकट्ठा है। तो राजनीति अकेली राजनीति ही नहीं है, उसमें जीवन के सब पहलू और सब धाराएँ जुड़ी हैं। और जो आज का है, वह भी सिर्फ आज का नहीं है, सारे कल उसमें समाविष्ट हैं। यह प्राथमिक रूप से खयाल में हो तो मेरी बातें समझने में सुविधा पड़ेगी।
- notes
- Title translates as "Golden India". Not to be confused with Mera Swarnim Bharat (मेरा स्वर्णिम भारत). See discussion for some details on this and a TOC.
- Also published as ch.20-24 of Bharat Ke Jalte Prashna (भारत के जलते प्रश्न) and as ch.20-24 of Swarn Pakhi Tha Jo Kabhi Aur Ab Hai Bhikhari Jagat Ka (स्वर्ण पाखी था जो कभी और अब है भिखारी जगत का).
- time period of Osho's original talks/writings
- Aug 15, 1969 to Dec 24, 1969 : timeline
- number of discourses/chapters
- 5
editions
Swarnim Bharat (स्वर्णिम भारत)
| |
Swarnim Bharat (स्वर्णिम भारत)
|